आखिर माथे पर क्यों महिलाये सजाती हैं लाल रंग, जाने महत्व…

बिंदी महिलाओं की खूबसूरती बढ़ाने का काम करती है। आज कल तो महिलाये ज्यादातर मैचिंग पहनना पसंद करती है या फिर कन्ट्रास पे हर कलर की बिंदी लगाती है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लाल बिंदी का महत्व इतना क्यों माना जाता है

कहा जाता है कि बिंदी महिलाओं की खूबसूरती बढ़ाने का काम करती है। आज कल तो महिलाये ज्यादातर मैचिंग पहनना पसंद करती है या फिर कन्ट्रास पे हर कलर की बिंदी लगाती है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लाल बिंदी का महत्व इतना क्यों माना जाता है पूजा पाठ में लाल बिंदी का ही उपयोग क्यों किया जाता है शादी के बाद बिंदी लगाना महिलाओं के लिए क्यों अनिवार्य होता है?

बिंदी शब्द का अर्थ 
बिंदी शब्द संस्कृत शब्द बिंदु से लिया गया है। जिसका अर्थ बूंद या कर्ण होता है। बिंदी का कई क्षेत्रों में अलग नाम है, जैसे कुमकुम, सिंदूर, टीप, टिकली और बोट्टू आदि। हमारे शरीर में सात चक्र होते हैं। महिलाएं जिस जगह पर बिंदी लगाती हैं, वह हमारे शरीर का छठा चक्र जिसे आज्ञा चक्र, “भौंह चक्र” या “तीसरा नेत्र चक्र” कहा जाता है। इन सात चक्रों का वर्णन वेदों में भी किया गया है।

लाल रंग का महत्व

लाल रंग को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए जैसे ही दुल्हन नए घर में प्रवेश करती है, वह अपने साथ समृद्धि लेकर आती है। हिंदू धर्म में लाल रंग को उगते सूरज से जोड़कर देखा जाता है। इसलिए लाल रंग का महत्व अधिक है।

आपने देखा होगा कि लक्ष्मी जी लाल अवतार में बिंदी , चूड़ी और सिंदूर लगाए नजर आती हैं। इसलिए लाल रंग को लक्ष्मी जी से जोड़ा जाता है। लक्ष्मी जी भगवान विष्णु की पत्नी हैं, वह हर सुख-दुख में उनके साथ रहती हैं। हर तरह से उनकी रक्षा करती हैं। इसी तरह माना जाता है कि दुल्हन भी अपने पति की रक्षा करती है। तभी तो कहा जाता है कि अगर एक औरत चाहे तो वह यमराज से भी अपने पति के प्राण वापस ले सकती है।

अलग-अलग रंग की बिंदियों का महत्व

लाल रंग की बिंदी को प्यार और समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है। इस रगं को बेहद शुभ माना जाता है। वहीं काले रंग को अशुभ माना जाता है। इसलिए शादीशुदा महिलाओं को काले रंग की बिंदी लगाने से मना किया जाता है।

 

 

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