JNU के कैम्पस कि दीवारों पर आखिर कौन “ब्राह्मण भारत छोड़ो” जैसे आपत्तिजनक स्लोगन रहा है लिख…
गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू परिसर के कई दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे जाने की सूचना मिली थी, जिसमें परिसर के ब्राह्मणों को धमकी दी गई थी।
गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू परिसर के कई दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे जाने की सूचना मिली थी, जिसमें परिसर के ब्राह्मणों को धमकी दी गई थी। जवाहरलाल नेहरू परिसर की कई दीवारों पर इलाके के ब्राह्मणों को धमकाने वाले ब्राह्मण विरोधी आपत्तिजनक स्लोगन लिखे जाने की तस्वीरें सामने आई है। जिसके बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने एक बयान जारी कर इस घटना की निंदा की और परिसर में तोड़फोड़ के लिए ‘अज्ञात तत्वों’ को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही इस आपत्ति जनक मामले के सामने आने के बाद जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
While the Left-Liberal gang intimidate every dissenting voice, they appeal to elect EC representatives that "can assert the values of mutual respect and civility, & equal & just treatment of all."
'civility' & 'mutual respect'.
Highly deplorable act of vandalism! pic.twitter.com/pIMdIO9QsX— JNU Teachers' Forum (@jnutf19) December 1, 2022
बर्बरता का अत्यधिक निंदनीय कृत्य!,
जेएनयू के अंदर दीवारों पर ब्राह्मण परिसर छोड़ दें”, “वहां खून होगा”, “ब्राह्मण भारत छोड़ो” और “ब्राह्मण-बनिया, हम आपके लिए आ रहे हैं बदला लेंगे’ जैसे आपत्तिजनक स्लोगन लिखे हुए थे ! जेएनयू शिक्षक मंच ने ट्वीट कर कहा कि “जबकि वामपंथी-उदारवादी गिरोह हर असहमत आवाज़ को डराता है, वे चुनाव आयोग के प्रतिनिधियों को चुनने की अपील करते हैं जो ‘परस्पर सम्मान और सभ्यता के मूल्यों पर जोर दे सकते हैं, और सभी के साथ समान और न्यायपूर्ण व्यवहार कर सकते हैं।’ ‘सभ्यता’ और ‘आपसी सम्मान’। बर्बरता का अत्यधिक निंदनीय कृत्य!, साथ ही अधिकारियों ने एक बयान जारी कर आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय सभी का है। बयान में कहा गया है, “कुलपति, प्रोफेसर संतश्री डी पंडित ने एसआईएस, जेएनयू में कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों और फैकल्टी कमरों को विकृत करने की घटना को गंभीरता से लिया है। प्रशासन परिसर में इन बहिष्कारवादी प्रवृत्तियों की निंदा करता है।”
एबीवीपी ने घटना की निंदा की
आपको बता दें नारे स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय भवन की दीवारों पर पाए गए। नलिन कुमार महापात्र, राज यादव, प्रवेश कुमार और वंदना मिश्रा सहित कई ब्राह्मण प्रोफेसरों के कक्षों की दीवार पर ‘गो बैक टू शाखा’ लिखा हुआ था। जिसके बाद एबीवीपी ने घटना की निंदा की और वामपंथियों पर तोड़फोड़ का आरोप लगाया। “एबीवीपी कम्युनिस्ट गुंडों द्वारा अकादमिक स्थानों के बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की निंदा करता है।
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