एक ऐसा राज्य जहां दिवाली में नहीं जलाये जाते है दिये
भारत का एक ऐसा राज्य है गोवा, जहां दिवाली के मौके पर यहां के लोग तड़के राक्षस 'नरकासुर' के पुतले को जला कर मानते है दिवाली।
न्यूज़ डेस्क: देशभर में जहां दिवाली पर लोग दिए जला कर घरों को सजाते है। दिवाली प्रकाश और उत्साह का त्यौहार है। लोग अपने घरों को दिये, लाइट, फूलों की लड़ी से सजाते है। लेकिन भारत का एक ऐसा राज्य है गोवा, जहां दिवाली के मौके पर यहां के लोग तड़के राक्षस ‘नरकासुर’ के पुतले को जला कर दिवाली मानते है। गोवा में नरकासुर के पुतले बनाने और उन्हें दिवाली पर जलाने की एक लंबी परंपरा है।
दिवाली पर पुतले जलाने की परंपरा
गोवा में नरकासुर के पुतले बनाने और उन्हें दिवाली पर जलाने की एक लंबी परंपरा है। स्थानीय लोग इस परंपरा को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानते हैं। त्योहार मनाने के लिए राज्य में ‘नरकासुर वध’ प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक
‘नरकासुर वध’ को लेकर यहां के लोगों का कहना है कि ‘यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भगवान कृष्ण की वेशभूषा में एक कलाकार सुबह के समय नरकासुर का वध करता है। इस तरह हम दिवाली मनाते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘नरकासुर वध’ करने की परंपरा राज्य में पुर्तगाली शासन के दौरान भी मौजूद थी, लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध के कारण यह दबी रही। हालांकि, पुर्तगाली शासन से मुक्ति के बाद गोवा की युवा पीढ़ी इस परंपरा का पालन कर रही है। इसके साथ ही राज्य भर में लोग दिवाली मनाने के लिए अपने घरों के प्रवेश द्वार पर पारंपरिक ‘आकाशकंदिल’ (लालटेन) लगाते हैं।
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