महाकुंभ के बाद अयोध्या पहुंचे काँटे वाले बाबा, दूर-दूर से पहुँच रहे हैं लोग
एक बाबा काँटों पर लेटे हुए देखे गए. तब से ही इन्हे काँटों वाले बाबा कहकर संबोधित किया जाने लगा.
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Kante wale Baba प्रयागराज :- महाकुंभ का समापन हो चुका है. इस महाकुंभ में तरह तरह के लोगों, साधु संतों और अघोरी साधुओं को देखा गया. ऐसा ही प्रकरण इस महाकुंभ में देखा गया जब एक बाबा काँटों पर लेटे हुए देखे गए. बिहार के रमेश कुमार मांझी हैं. ये बाबा कांटों पर लेटकर तपस्या करते हैं और इस वजह से इन्हें ‘कांटे वाले बाबा’ कहा जाता है. ये बाबा पिछले 40-50 सालों से महाकुंभ में कांटे से बने झाड़ पर बैठकर तपस्या करते आ रहे हैं.
महाकुंभ में अपनी अनोखी पहचान बना चुके कांटे वाले बाबा महाकुंभ समाप्त होने के बाद अब अयोध्या पहुंच गए हैं। राम मंदिर के 11 नंबर गेट के सामने कांटे की सेज पर बैठकर उन्होंने प्रभु श्रीराम का नाम लिया और आस्था में लीन होकर भव्य दृश्य प्रस्तुत किया। उनके इस दृश्य को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्रित हो गई।
रमेश कुमार मांझी :-
महाकुंभ के दौरान एक महिला के द्वारा उन्हें कहे गए कुछ शब्दों से कांटे वाले बाबा भावुक हो गए थे और उनका रोते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और वे महाकुंभ छोड़कर भी चले गए थे। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने काँटे वाले बाबा के प्रति सहानुभूति दिखते उन्हें उन्हें वापस आने का आग्रह किया था. जिसके बाद कांटे वाले बाबा फिर से महाकुंभ पहुंचे थे. अब महाकुंभ के समापन के बाद कांटे वाले बाबा ने अयोध्या में डेरा डाल लिया है। यहां उनकी उपस्थिति और भक्तों की भक्ति का एक अद्वितीय संगम देखने को मिल रहा है।
काँटे वाले बाबा के इस स्थल पर आने वाले श्रद्धालुजन उनके दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं। कांटे वाले बाबा के इस धार्मिक और आस्था से जुड़े कदम ने एक नई दिशा दी है, जहां उनका नाम हर श्रद्धालु की ज़ुबान पर है।