महाकुंभ की बढ़ती भीड़ के कारण लिया गया एक बड़ा फैसला, अब नहीं होगी यहाँ आरती
पहले यह भव्य आरती लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में होती थी।
प्रयागराज में महाकुंभ संगम में डुबकी लगाकर काशी आने वाले या फिर काशी से होकर प्रयागराज जाने वालों की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि अब इससे पूरे बनारस का दम फूलता नजर आ रहा है. वाराणसी में महाकुंभ की बढ़ती भीड़ के कारण एक बड़ा फैसला लिया गया है। 5 फरवरी तक मां गंगा की भव्य आरती स्थगित कर दी गई है। इस दौरान केवल एक अर्चक द्वारा आरती की जाएगी, जबकि पहले यह भव्य आरती लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में होती थी। दशाश्वमेध घाट सहित सभी गंगा घाटों पर आरती को स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय भारी भीड़ को देखते हुए लिया गया है, क्योंकि लाखों श्रद्धालु गंगा घाटों पर पहुंच रहे हैं।
आरती कराने वाली संस्था गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा है कि महाकुंभ के पावन पर्व के चलते करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज जा रहे हैं. महाकुंभ स्नान के बाद श्रद्धालु काशी और अयोध्या का रुख कर रहे हैं. काशी आने पर श्रद्धालु काशी विश्वनाथ के दर्शन कर रहे हैं,
लोग मां गंगा में भी डुबकी लगा रहे हैं और गंगा आरती में भी शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समय काशी में और गंगा आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ बहुत ज्यादा आ चुकी है.
गंगा आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या उम्मीद से ज्यादा है. इसी वजह से संस्था गंगा सेवा निधि परिवार सभी लोगों से अपील करती है कि फिलहाल जब तक भीड़ बहुत ज्यादा है, तब तक गंगा आरती में शामिल होने न आएं. ऑनलाइन माध्यम से गंगा आरती का दर्शन करें. जब स्थिति सामान्य हो जाए, तब मां गंगा की आरती में दर्शन के लिए आ सकते हैं.