महाकुंभ या हादसों का कुंभ, आज के दिन गईं थी 800 लोगों की जान
महाकुंभ में आज यानी बुधवार को मौनी अमावस्या का स्नान है. यही वजह है कि प्रशासन द्वारा प्रयागराज में करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के होने का अनुमान लगाया गया था.
MAHAKUMBH UPDATE : महाकुंभ में आज यानी बुधवार को मौनी अमावस्या का स्नान है. यही वजह है कि प्रशासन द्वारा प्रयागराज में करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के होने का अनुमान लगाया गया था. मगर देर रात हुए हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. कुंभ नगरी प्रयागराज में मंगलवार देर रात मची भगदड़ में 14 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है. 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल बताये जा रहे हैं. अमृत स्नान के कारण ज्यादातर पांटून पुल बंद किए गए थे. इसकी वजह से स्नान के लिए पहुंचने वालों श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती चली गई. हुआ ये कि बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए और भगदड़ की अफवाह फैली. जिसके चलते ऐसे हालात बने.
आज है मौनी अमावस्या। प्रयागराज में इस समय आस्था का सबसे बड़ा उत्सव महाकुंभ आयोजित हो रहा है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में अमृत स्नान करने के लिए प्रयागराज पहुँच रहे हैं. श्रद्धालुओं में अमृत स्न्नान को लेकर कितना उत्साह है इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि मौनी अमवस्या के दिन ही 12 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुँचने की प्रशासन उम्मीद जता रहा है.
मगर कल देर रात हुए हादसे ने सभी के दिलों -दिमाग को झंकझोर दिया। प्रयागराज के संगम से ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं कि जिन्हे देखकर आपकी अंतरात्मा कांप जायेगी। हालत ये हैं कि संगम पर कोई अपने बिछड़ों को ढूढ़ रहा है तो कोई अपने बिछड़ों के शवों को ढूंढ रहा है. किसी माँ इस दुनिया से चली गयी तो किसी की पत्नी। कोई अनाथ हो गया तो कोई अपनों के बिछड़ने से हताश हो गया है. आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब आस्था के इतने बड़े पर्व पर ये बड़ा हादसा हुआ हो. हम आपको बताते हैं कि कब और कैसे कुम्भ बना हादसों का कुंभ जिसने निगल ली कई ज़िंदगियाँ।
यह पहला मौका नहीं है जब कुंभ में मौनी अमावस्या पर भगदड़ मची. इससे पहले यहीं प्रयागराज में ही आज ही दिन मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ में 800 लोगों की मौत हुई थी. जानिए, आख़िर क्यों बने थे ऐसे हालात और कब-कब कुंभ में मची थी भगदड़.
दिन मौनी अमावस्या-तारीख थी 3 फरवरी-सन 1954 जी हाँ 3 फरवरी-सन 1954 को इसी प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में आज ही दिन अमृत स्नान का वो मौका जब कुंभ में 800 लोगों ने अपनी जान गवाई। 3 फ़रवरी 1954 को मौनी अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालुगण अमृत स्नान करने प्रयागराज में पहुंचे थे. आजदी के बाद आजाद भारत के पहले कुंभ मेले में उस वक्त भगदड़ मची. उस भगदड़ का कारण था एक हाथी जो कंट्रोल से बाहर हो गया था. हुआ ये कि जान बचाने के लिए लोगों ने इधर उधर भागना शुरू कर दिया. हालात इतने बिगड़े कि भगदड़ मच गई.
भगदड़ के दौरान हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था. लोग चीख रहे थे. चारों तरफ कोलाहल का वातावरण था. कुम्भ में हुई इस घटना में 800 लोगों की जान गवाने की वजह बने उस हाथी पर सदा के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया. उस दिन के बाद से कुंभ मेले में हाथियों का प्रवेश वर्जित हो गया. कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि कुंभ पहुंचे तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ही भीड़ के बढ़ने की वजह थे.
कुंभ में पहुंचे प्रधानमंत्री नेहरू के लिए किए सुरक्षा इंतजामों के कारण चल रहे कुंभ मेले की सुरक्षा पर बड़ा असर पड़ा. तो वहीँ एक चैनल की रिपोर्ट में यह दावा गया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कुंभ मेले में व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए एक दिन पहले ही मेले का दौरा किया था. जबकि इस घटना के दौरान वो वहां उपस्थित नहीं थे.
इस घटना के बाद से ही सरकार ने बड़ी सीख ली और धार्मिक समारोह में भीड़ प्रबंधन के लिए रणनीति बदल दी गई. इसी घटना के बाद से कुंभ मेले में आए लोगों को पल-पल की जानकारी देने के लिए लाउडस्पीकर लगाने शुरू किए गए. 1954 में हुई इस हृदय विदारक घटना के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भीड़ के ऐसे हालात को रोकने के लिए कुंभ के प्रमुख स्थलों पर दिन में वीआईपी लोगों की यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया था.
आइये अब जानते हैं कुंभ में कब-कब भगदड़ मची
- 1986 में हरिद्वार में आयोजित कुंभ में 200 लोगों ने दम तोड़ा…
साल था 1986 जगह थी हरिद्वार जहाँ आयोजित हो रहे कुंभ मेले में उस समय भगदड़ मच गयी जब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अपने लावलश्कर के साथ हरिद्वार पहुंचे. हुआ यूँ कि जब सुरक्षाकर्मियों ने आम लोगों को नदी के किनारे जाने से रोका तो भीड़ बेकाबू हो गई. इस भगदड़ में 200 लोगों ने अपनी जान गवां दी.
- 2003 में नासिक में आयोजित 39 लोगों की हुई मौत तो 100 से ज्यादा हुए घायल…
सन 2003 में महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित हुआ था कुंभ का मेला। उस कुंभ के मेले में तब भगदड़ मच गई जब कुंभ मेले के दौरान गोदावरी नदी में पवित्र स्नान के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण इकट्ठा हो गए. इस भगदड़ में महिलाओं सहित 39 लोगों की मौत हुई तो 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे….
- 2013 में प्रयागराज में आयोजित हुआ कुंभ, फुटब्रिज गिरने से मची थी भगदड़, 42 लोगों ने गवाईं थी जान …
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ही साल 2013 में आयोजित हुआ था कुंभ मेला। इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर 10 फरवरी, 2013 को एक फुटब्रिज ढहने से भगदड़ के हालात बने. इसमें 42 लोगों ने अपनी जान गवाईं थी तो वहीँ 45 लोग घायल हो गए थे.