अखिलेश यादव ने संगम में क्यों लगाई 11 बार डुबकी, खोला राज
कल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने संगम तट पर पहुंचे।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आस्था का महाकुंभ चल रहा है. जो कि हिन्दुओं और हर सनातनियों के एक बहुत बड़ा पर्व है. इस बार महाकुंभ का ऐसा संयोग बना है कि जो पिछले 144 साल पहले बना था और फिर अगले 144 साल बाद ही बनेगा। इस विशेष संयोग में हर सनातनी इस मौके को गवाना नहीं चाह रहा है और यही कारण है कि प्रयागराज के संगम में रोज लाखों की संख्या में लोग डुबकी लगा रहे हैं.
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तो वहीँ कल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने संगम तट पर पहुंचे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने बेटे के साथ संगम में डुबकी लगाने प्रयागराज पहुंचे थे. अखिलेश यादव ने x पर ट्वीट कर लिखा की, महाकुंभ की पुण्य-यात्रा! महाकुंभ 144 साल में एक बार आता है, वो भी संगम के किनारे ही मतलब जीवन में एक बार और वो भी नदियों के मिलन स्थल पर, इसीलिए इससे ये संकल्प लेना चाहिए कि हमें जो जीवन मिला है वो अलग-अलग दिशाओं से आती हुई धाराओं के मिलन से ही अपना सही अर्थ और मायने पा सकता है। हमें संगम की तरह जीवन भर मेलजोल का सकारात्मक संदेश देना चाहिए। सद्भाव, सौहार्द और सहनशीलता की त्रिवेणी का संगम जब-जब व्यक्ति के अंदर होगा… तब-तब हम सब महाकुंभ का अनुभव करेंगे।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने संगम 11 बार डुबकी लगाई। जो कि अब चर्चा का विषय बनी हुई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने x पर ट्ववीट कर अपनी हर एक डुबकी का अर्थ बताया है.
महाकुंभ के पावन अवसर पर ‘संगम’ में:
- एक डुबकी माँ त्रिवेणी को प्रणाम की…
- एक डुबकी आत्म-ध्यान की…
- एक डुबकी सर्व कल्याण की…
- एक डुबकी सबके उत्थान की…
- एक डुबकी सबके मान की…
- एक डुबकी सबके सम्मान की…
- एक डुबकी सर्व समाधान की…
- एक डुबकी दर्द से निदान की…
- एक डुबकी प्रेम के आह्वान की…
- एक डुबकी देश के निर्माण की…
- एक डुबकी एकता के पैगाम की!!!