महाकुंभ पर सीएम योगी की थी पैनी नजर, 45 दिन में इतने बार पहुंचे संगम नगरी
दुनिया में आस्था का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कहा जाने वाला महाकुंभ अब समाप्त हो गया. इस महाकुंभ ने अपनी दिव्यता से सबका मन ही नहीं मोहा बल्कि आध्यात्मिकता की नई ऊंचाइयों को भी छुआ है.

CM Yogi had close eye प्रयागराज :- दुनिया में आस्था का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कहा जाने वाला महाकुंभ अब समाप्त हो गया. इस महाकुंभ ने अपनी दिव्यता से सबका मन ही नहीं मोहा बल्कि आध्यात्मिकता की नई ऊंचाइयों को भी छुआ है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 45 दिनों तक चले इस महाकुंभ में लगभग 66 करोड़ की आबादी ने संगम में आस्था की डुबकी लगाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. आज तक दुनिया में कही भी इतने बड़े मानव समागम का कहीं भी कोई इतिहास नहीं मिलता है. संगम में आस्था की डुबकी लगाने वाली आबादी भारत की आधी आबादी के बराबर तो है ही इसके साथ साथ कई देशों की कुल आबादी से भी कहीं ज्यादा है.
इस सफल आयोजन का अगर किसी को श्रेय दे तो इसका सर्वप्रथम श्रेय सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं जिन्होंने लखनऊ में बैठकर भी लगातार महाकुंभ की समीक्षा और मॉनिटरिंग की है. सीएम योगी ने अपने जरुरी कर्तव्यों का निर्वाहन करते हुए भी महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर पैनी नजर रखी फिर चाहे वे लखनऊ में रहे हो या गोरखपुर में. 45 दिनों के इस महाकुंभ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं 10 बार संगम में पहुंचकर जमीनी हकीकत परखी और सम्बंधित अधिकारियों को जरुरी दिशा निर्देश भी जारी किये।
जब जब जरुरत पड़ी तब मुख्यमंत्री ने लखनऊ से आलाधिकारियों को भेजकर स्थितियों का सही आंकलन भी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे की सबसे महत्वपूर्ण बात ये रही कि उन्होंने सभी अखाड़ों, दंडीबाड़ा, प्रयागवाल, खाकचौक का दौरा करने के साथ ही साधु संतों से मिले और उनका सम्मान किया।