27 जनवरी : धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन को लेकर हुआ बड़ा फैसला
27 जनवरी को प्रयागराज में धर्म संसद का विशाल आयोजन किया गया. इस धर्म संसद में प्रमुख साधु-संत और कथा वाचक शामिल हुए.
Dharma Sansad : 27 जनवरी को प्रयागराज में धर्म संसद का विशाल आयोजन किया गया. इसमें धर्म संसद में प्रमुख साधु-संत और कथा वाचक शामिल हुए. इस धर्म संसद का मुख्य मकसद था सनातन बोर्ड की स्थापना। जिसके चलते महाकुंभ में आयोजित धर्म संसद में सभी साधु संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सनातन बोर्ड के गठन की मांग की. हालांकि इस धर्म संसद में 13 अखाड़े और सभी चार शंकराचार्य शामिल नहीं हुए.
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा :-
महाकुंभ में आयोजित सनातन धर्म संसद में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा हमने सनातनी वोट हिंदू अधिनियम के लिए प्रस्ताव तैयार किया है और यहां मौजूद सभी धार्मिक नेताओं ने इस पर सहमति व्यक्त की है. आगे देवकीनंदन ठाकुर ने कहा हम इस संविधान को भारत सरकार को भेजेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर चर्चा के लिए उनसे समय मांगेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि अगर वक्फ बोर्ड होगा तो सरकार हिंदू और सनातनियों के लिए एक सनातन बोर्ड का तोहफा जरूर देगी।
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प्रयागराज में आयोजित धर्म संसद में मौजूद साधु संतों की मौजूदगी में सनातन बोर्ड के गठन के लिए एक प्रस्ताव पास किया गया. इस धर्म संसद में कहां गया कि सनातन हिंदू बोर्ड एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्थापित होगा। इतना ही नहीं इसमें सभी धर्माचार्य ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर इसे पारित भी किया।
महाकुंभ में आयोजित धर्म संसद में रखे गए प्रमुख प्रस्ताव:-
- सनातन बोर्ड लागू किया जाए
- देशभर के मंदिरों में सरकारी नियंत्रण हटे
- हर बड़े मंदिर में गौशाला स्थापित हो
- धर्मांतरण रोकने के लिए गरीब हिंदू परिवारों को आर्थिक सहायता
- सनातन हिंदुओं के दूसरे धर्म में विवाह करने से रोकने का प्रयास