‘बाबासाहेब आंबेडकर की संहिता को सांप्रदायिक बता रहे’, विपक्षी दलों का पीएम मोदी के संबोधन पर वार

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता’ वाली टिप्पणी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वह संविधान की शपथ लेते हैं और फिर डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा लिखी गई संहिता को सांप्रदायिक बताते हैं। खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि पिछली सरकारों के कार्यकाल में आतंकवादी हमले हुए थे। लेकिन वह एक तरह से अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ बोल रहे हैं। कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा कि बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री ने क्या कदम उठाए हैं।

वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, संविधान पहले है। यह हर चीज से ऊपर है। यहां तक कि प्रधानमंत्री भी यही कहते हैं।

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि आजादी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों से बुना गया है। उन्होंने कहा, सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। हमारे लिए आजादी महज एक शब्द नहीं है। बल्कि यह हमारा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है, जो संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों से बुना गया है। उन्होंने कहा, यह अभिव्यक्ति की ताकत, सच बोलने की क्षमता और सपनों को पूरा करने की उम्मीद है। जय हिंद।

वहीं, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान हमारा सबसे बड़ा कवच है। उन्होंने क हाँ, हम आखिरी सांस तक इसकी रक्षा करेंगे। विपक्ष लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन है। यह सरकार के असंवैधानिक रवैये की जांच करता है और लोगों की आवाज को आगे बढ़ाता है। यह चिंताजनक है कि सरकार ने संवैधानिक और स्वायत्त संस्थानों को कठपुतलियों में बदल दिया है।

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